तेरी आँखों में डूबा हुआ सूरज भी शरमा जाए
तेरी आँखों में डूबा हुआ सूरज भी शरमा जाए
जब तूँ मैं तेरे बालों की छाँव में
तो लगता है सारी कायनात ने साँस रोक ली हो
बस एक हवा का झोंका
तेरे होंठों से मेरे नाम तक आता है
और मैं जी उठता हूँ बार-बार
मेरे दिल की धड़कनों से बातें करती हैं
बिना बोले
बिना छुए
फिर भी स्पर्श इतना गहरा
कि हड्डियाँ तक सिहर उठती हैं
जैसे
कोई पुराना राग
सालों बाद फिर बज उठे
और आँखें अपने आप भर आएँ
तेरी हँसी
वो छोटी-सी खनक
मेरे भीतर बरसों से सोई नदी को जगा देती है
पानी बहने लगता है
बिना तट के
बिना डर के
बस बहता चला जाता है
तेरे नाम की लहरों में
रातें जब लम्बी हो जाती हैं
तो मैं तेरे ख्यालों में सिमट जाता हूँ
जैसे चाँद सिमटता है बादलों में
फिर भी चमकता है
तेरे बिना भी
तेरे लिए ही कभी कभी लगता है
हम पहले भी मिले हैं
किसी और जन्म में
किसी और बारिश में
जहाँ मैंने तेरे लिए
अपनी सारी उम्र की खुशियाँ
एक पल में लुटा दी थीं
और आज फिर
वही पल लौट आया है
तेरे साथ
तेरे बिना जीना नहीं
तेरे साथ मरना भी नहीं
बस तेरे साथ
साँस लेना है
हर साँस में तुझे महसूस करना है
हर धड़कन में तुझे पुकारना है
तू मेरी वो दुआ है
जो कभी पूरी नहीं होती
क्योंकि पूरी हो जाएगी
तो मैं दुआ माँगना भूल जाऊँगा
और मुझे डर है
कि कहीं तुझे खो न दूँ
इसलिए मैं रोज़ माँगता हूँ
रोज़ तुझसे मिलने की
रोज़ तुझमें खो जाने की
रोज़ तुझमें ही जी लेने की
तू मेरी आखिरी साँस भी नहीं
तू वो वजह है
जिसके लिए
मैं हर साँस लेता हूँ
और लेता रहूँगा
जब तक ये दिल धड़के
जब तक ये आँखें देखें
जब तक ये रूह रहे तब तक
बस तू
और तू ही।
