कर्म किए जा फल मिलता आज नहीं तो कल मिलता
कर्म किए जा फल मिलता आज नहीं तो कल मिलता
शुभ-शुभ करो तो शुभ ही होता बुरे काम का बुरा नतीजा!
संस्कार बाजार में नहीं मिलता
संस्कार माँ पिता गुरु और ग्रंथ से आता
तुम्हें किस गुरु ने ये गुर सिखला दिया
कि आते जाते राही को पानी नहीं पिलाना
भूखे को भोजन लंगर भंडारा नहीं खिलाना
दाम लेकर खान-पान की सामग्री दूषित करना?
आखिर तुम्हारी क्या है मंशा?
किसने सिखलाया मानव के साथ करना हिंसा?
आखिर तुम्हारा क्या है मकसद?
किस देवदूत ने आदेश दिया फैलाओ दहशत?
तुम राम कृष्ण बुद्ध जिन नबी यीशु को
मानते हो मगर उन्हें जानते ही नहीं हो!
कोई हो आराध्य उनका जीवन रहा है कष्टसाध्य
बगैर कष्ट का कोई महामानव नहीं बनता
चाहे तुम जिन्हें मानो उन्हें बदनाम नहीं होने दो!
तुम्हें गर दुख मिला तो उसका तुम ही कारण होगा
सत्य की राह में चलोगे तभी दुख का निवारण होगा!
खाली हाथ आए हो और खाली हाथ ही जाना होगा
अगर तुमने बुरा किया तो बुराई का फल पाना होगा!
लाख जतन करो गलत काम का गलत अंजाम मिलता
हर सुकर्म कुकर्म का इस धरा में ही परिणाम मिलता!
इस धराधाम के अलावे आदमी का
दूसरा कोई मंजिल और मुकाम नहीं होता
जीव जन्तु के दिल में बसोबास के सिवा
ईश्वर अल्लाह का कोई मकान नहीं होता!
चाहे जितना मंदिर मस्जिद गिरजाघर बना लो
ईश्वर अल्लाह खुदा के आराम का कोई घर नहीं होता
स्वर्ग नरक जन्नत दोजख कहीं और नहीं खोजो
इंसान का इंसानी कोख छोड़कर कोई ठौर नहीं होता!
धर्म मजहब के ठेकेदार की झूठी दिलासा में ना आना
दूसरों को मार हुस्न परी अप्सरा पाने की लालसा ना करना
जो यहाँ मिला है वो सिर्फ यहीं रहने पर मिलता
धरती पर कर्मफल भोग लो मरने के बाद कुछ नहीं मिलता!
ये मानव जाति के लिए दुर्भाग्य की बात है
कि मंदिर मस्जिद चर्च पर बहुत अधिक चर्चा होता
अब पूजा नमाज के बाद दुआ आशीर्वाद नहीं
मीठा प्रसाद नहीं बाँटा जाता ईंट पत्थर खर्चा होता!
कोई आराध्य नहीं चाहता पाँचों वक्त आठोयाम लो उनका नाम
पिता क्यों चाहे सबकुछ छोड़ बेटा करे बाप बाप चिल्लाने का काम!
बुरे लोगों का जब इंतकाल होता तब उसका बड़ा बुरा हाल होता
लाख मचाओ ईश्वर अल्ला के नाम हल्ला,बुरे कर्म से होता नहीं भला!
- विनय कुमार विनायक
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