चौरी चौरा का काला अध्याय

Hindikunj
0

चौरी चौरा का काला अध्याय


क ऐसा अध्याय जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक अमिट छाप छोड़ गया ।सन् 1922, एक ऐसा समय जब भारत के लोग अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे। देश के कोने-कोने में असहयोग आंदोलन की लहर दौड़ रही थी। गांधीजी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठा रहा था।

चौरी चौरा का काला अध्याय
इसी दौरान, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक छोटा सा कस्बा चौरी-चौरा था। यह कस्बा उस समय देश के स्वतंत्रता संग्राम का गवाह बनने जा रहा था, जब यहां एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।चौरी-चौरा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। यह झड़प इतनी बढ़ गई कि आग लग गई और कई पुलिस वाले मारे गए। इस घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी। अंग्रेजी सरकार ने इस घटना को दबाने के लिए कठोर कदम उठाए। गांधीजी ने इस घटना को देखते हुए असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।

गांधीजी का निर्णय
गांधीजी ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उन्हें लगा कि आंदोलन हिंसक हो रहा है और यह देश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के लिए किया जाने वाला संघर्ष अहिंसक तरीके से ही किया जाना चाहिए। गांधीजी का यह निर्णय कई लोगों को पसंद नहीं आया लेकिन उन्होंने देश के हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया।

चौरी-चौरा की घटना का प्रभाव
चौरी-चौरा की घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया मोड़ दिया। इस घटना के बाद से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया गया। गांधीजी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने का संकल्प लिया।

क्यों है चौरी-चौरा की घटना महत्वपूर्ण?
  • अहिंसा का महत्व: इस घटना ने अहिंसा के महत्व को रेखांकित किया और यह सिद्ध किया कि अहिंसा ही सबसे शक्तिशाली हथियार है।
  • आंदोलन में एकता: इस घटना ने स्वतंत्रता संग्राम में एकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गांधीजी का नेतृत्व: इस घटना ने गांधीजी के नेतृत्व को और मजबूत किया।
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मोड़: इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया मोड़ दिया।
निष्कर्ष
चौरी-चौरा की घटना भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है। यह घटना हमें सिखाती है कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते हुए हमें अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि एकता में ही शक्ति है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top