हिंदी दिवस पर प्यारी सी कविता Poem On Hindi Diwas In Hindi

हिंदी दिवस पर प्यारी सी कविता Poem On Hindi Diwas In Hindi

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हिंदी दिवस पर प्यारी सी कविता Poem On Hindi Diwas In Hindi



हिन्दी, मेरी प्यारी मातृभाषा,  
तू है गंगा की लहर, सागर की गहराई,  
तेरे शब्दों में बस्ती है मेरी आत्मा,  
हिन्दी दिवस पर तुझको नमन, मेरी माँ, तेरा जयगान गाता हूँ। 

हिंदी दिवस पर प्यारी सी कविता Poem On Hindi Diwas In Hindi
तेरी गोद में खिले हैं सूर, तुलसी, कबीर,  
निराला के छंदों में बसी है ताज़ा धीर।  
तेरे शब्दों में प्रेम की मिठास घुली,  
कभी क्रांति की चिंगारी, कभी शांति की नदी।

हिन्दी, तू है मेरे गाँव की मिट्टी की खुशबू,  
बाजरे की रोटी, माँ की लोरी का सुकून।  
तेरे हर अक्षर में बस्ती है मेरी कहानी,  
हर धड़कन में गूँजती है तेरी रवानी।  

कभी राधा-कृष्ण की प्रेम-कथा तू गाती,  
कभी भारत माँ की जय-जयकार सुनाती।  
तेरे शब्दों में दुख की सिसकी, आशा की किरण,  
हर भाव को तू देती है अनमोल वरदान।  

हिन्दी दिवस पर मंच सजा, कवि आए न्यारे,  
शब्दों के मोती बिखरे, जैसे तारे सारे।  
बच्चे, युवा, बुजुर्ग, सब एक साथ गाते,  
तेरी महिमा को, हिन्दी, दिल से अपनाते।  

तू नहीं सिर्फ़ भाषा, तू है मेरी पहचान,  
मेरे सपनों का रंग, मेरे मन का सम्मान।  
हिन्दी, तुझमें बस्ती है मेरी संस्कृति की आत्मा,  
तेरे बिना अधूरी है मेरी हर बात, हर बात का मोल।  

आज हिन्दी दिवस पर, तुझको प्रणाम करूँ,  
तेरे हर शब्द को, मन में सजाएँ धरूँ।  
हिन्दी, तू सदा बनी रहे मेरे दिल की धड़कन, 
तेरी लय में बहे मेरा जीवन, मेरा सारा सृजन।

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