चाँद और तारे की दोस्ती | बच्चों की कहानी

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चाँद और तारे की दोस्ती

क बार की बात है, आसमान में चाँद और एक तारा रहते थे। चाँद बहुत बड़ा और चमकदार था, और तारा छोटा सा और टिमटिमाता था। चाँद को अपनी चमक पर बहुत घमंड था। वह हमेशा तारे से कहता था, "तुम तो बहुत छोटे हो, और इतने कम चमकते हो। मैं ही तो आसमान का सबसे सुंदर तारा हूँ!"

चाँद और तारे की दोस्ती
तारा चाँद की इन बातों से दुखी होता था, लेकिन वह कुछ नहीं कहता था। वह चाँद की तरह चमकदार नहीं हो सकता था, लेकिन वह रात के अंधेरे में अपनी छोटी सी रोशनी से बच्चों को नींद लाने में मदद करता था।

एक रात, आसमान में बहुत सारे काले बादल छा गए। चाँद की चमक धीरे-धीरे कम होने लगी। तारा ने चाँद को देखा और कहा, "चलो, हम मिलकर इन बादलों को दूर भगाते हैं।"

चाँद ने तारे की बात को अनसुना कर दिया। लेकिन कुछ देर बाद, बादल इतने घने हो गए कि चाँद बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा था। तारा ने अपनी सारी रोशनी से बादलों को दूर भगाने की कोशिश की।

तभी, एक छोटा सा लड़का अपनी खिड़की से बाहर देख रहा था। उसने तारे की रोशनी देखी और मुस्कुराया। उसने कहा, "देखो, चाँद तो छिप गया है, लेकिन तारा चमक रहा है।"

तारा ने लड़के की बात सुनी और बहुत खुश हुआ। उसे एहसास हुआ कि उसे अपनी छोटी सी रोशनी पर गर्व करना चाहिए।

अगली रात, जब बादल छंट गए, तो चाँद और तारा साथ-साथ चमक रहे थे। चाँद ने तारे से माफी मांगी और कहा, "मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ है। तुम भी बहुत खास हो।"

तारा ने चाँद को गले लगाया और कहा, "दोस्ती में बड़ा या छोटा कोई नहीं होता। हम दोनों मिलकर आसमान को और भी सुंदर बनाते हैं।"

तब से, चाँद और तारा हमेशा एक-दूसरे के अच्छे दोस्त रहे।

इस कहानी से हम सीखते हैं कि:

  • हर कोई खास होता है।
  • दोस्ती में बड़ा या छोटा कोई नहीं होता।
  • हमें अपनी कमियों पर नहीं, बल्कि अपनी खूबियों पर गर्व करना चाहिए।

तुम्हें यह कहानी कैसी लगी? क्या तुम भी चाँद और तारे की तरह अपने दोस्तों से प्यार करते हो?

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