तेरा नाम लेते ही दिल धड़कता है
तेरी आँखों में खोया हूं मैं,
जैसे समंदर में लहरें खो जाती हैं,
बिना नाम के, बिना पता के,
बस एक अनंत सागर बनकर बह जाती हैं।
तेरा स्पर्श है वो हवा का झोंका,
जो ग्रीष्म की दोपहर में ठंडक बिखेरता है,
और मेरे अंदर की सारी आग को पिघलाकर,
शांत नदी में बदल देता है।
जो रात के अंधेरे को चीरकर आती है,
हर कोने में रोशनी भर देती है,
हर घाव पर मरहम लगाती है।
तेरे होंठों से निकली वो बातें,
जैसे फूलों पर ओस की बूँदें,
छूते ही महक उठती हैं,
दिल की गहराइयों में उतरकर बस जाती हैं।
तुझसे दूर हूं तो लगता है,
जैसे सांसें अधर में लटकी हुई हैं,
हर पल तेरी याद में डूबा,
जैसे कोई पंछी बादलों में उड़ता रहे।
तेरे बिना ये दुनिया सूनी,
जैसे बगीचा बिना फूलों के हो,
और तेरे साथ हर लम्हा,
जैसे स्वर्ग का कोई कोना खुला हो।
तेरा नाम लेते ही दिल धड़कता है,
जैसे बारिश में नदी उफनती हो,
तेरी आवाज़ सुनते ही सब कुछ भूल जाता हूं,
बस तुझमें समा जाता हूं।
ये प्रेम नहीं कोई साधारण कहानी,
ये तो वो आग है जो जलाती भी है और जिलाती भी,
तेरे बिना मर जाता हूं मैं, और तेरे साथ जी उठता हूं हर बार फिर से।
तू मेरी वो खुशबू है, जो हवा में घुलकर हमेशा साथ रहती है,
तू मेरी वो धड़कन है, जो सीने में छिपकर गीत गाती है।
इस प्रेम में डूबा रहूं हमेशा,
तेरे साथ बिता दूं हर सांस,
तू मेरी है, मैं तेरा हूं, ये बंधन है अनंत, ये रिश्ता है अमर।
तेरे लिए लिखता हूं ये शब्द,
जो दिल से निकलकर कागज़ पर उतरते हैं,
हर अक्षर में तेरी छवि बसी,
हर लाइन में तेरा एहसास समाया है।
प्रेम तेरा वो समंदर है, जिसमें मैं डूबना चाहता हूं बार-बार,
और तेरे आगोश में आकर,
खुद को पूरी तरह खो देना चाहता हूं।
