प्रयाग कुंभ मेला 2025: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम स न 2025 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेला एक बार फिर विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह मेला न केवल भारत बल्कि दुनिया के विभिन्न कोनों से आए लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और संस्कृति का एक विशाल संगम रहा। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर लगने वाला यह मेला हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। कुंभ मेला का इतिहास बेहद प्राचीन है। मान्यता है कि देवता और दानवों के बीच अमृत के कलश को पाने के लिए जो युद्ध हुआ था, उस दौरान चारों दिशाओं में अमृत की कुछ बूंदें गिर गई थीं। इन बूंदों के गिरने के स्थानों पर ही कुंभ मेला लगता है। प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन ये चार स्थान हैं जहां कुंभ मेला आयोजित होता है। 2025 का कुंभ मेला क्यों था खास? सन 2025 का कुंभ मेला कई मायनों में खास था। इस मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और संगम में डुबकी लगाई। मेले के दौरान कई धार्मिक आयोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन-कीर्तन हुए। श्रद्धालुओं ने विभिन्न संतों और महात्माओं के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया। कुंभ मेले का महत्व क...
हिंदी प्रिय है क्योंकि यह एक समृद्ध और विविध भाषा है जो भारत के लाखों लोगों की मातृभाषा है। हिंदी में एक लंबा और समृद्ध साहित्यिक इतिहास है, जिसमें कविता, उपन्यास, नाटक और कहानियां शामिल हैं। हिंदी संगीत और नृत्य भी बहुत लोकप्रिय हैं।यह एक समृद्ध, विविध और भावपूर्ण भाषा है जो भारत की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती है।