एक जादुई किताब और गुम हुई राजकुमारी
एक बहुत ही सुंदर से राजमहल में एक राजकुमारी रहती थी। उसका नाम था रानी। रानी को किताबें पढ़ना बहुत पसंद था। उसके कमरे में किताबों का एक बड़ा सा ढेर लगा रहता था। एक दिन, वह एक बहुत ही पुरानी किताब पढ़ रही थी। तभी अचानक से किताब चमकने लगी और रानी एक जादुई दुनिया में पहुंच गई।
जादुई दुनिया बहुत ही खूबसूरत थी। पेड़ों पर सुनहरे से फल लगे थे और फूलों की खुशबू से पूरा वातावरण महक रहा था। रानी इस दुनिया में घूम रही थी कि अचानक उसे एक दुष्ट जादूगर मिला। जादूगर ने रानी को बंदी बना लिया और उसे एक दूर के महल में बंद कर दिया।रानी बहुत दुखी थी। वह अपने घर वापस जाना चाहती थी। उसने बहुत कोशिश की लेकिन जादूगर से बच नहीं पाई। तभी उसे एक छोटा सा पक्षी दिखाई दिया। पक्षी ने रानी से कहा, "डरो मत, मैं तुम्हें बचाऊंगा।" पक्षी रानी को एक गुप्त रास्ता दिखाकर महल से बाहर निकाल लाया।
रानी और पक्षी मिलकर जादूगर को ढूंढने निकल पड़े। उन्हें जादूगर एक गुफा में मिला। जादूगर के पास एक जादुई छड़ी थी। पक्षी ने अपनी चोंच से जादुई छड़ी छीन ली और जादूगर को पत्थर का बना दिया।
रानी बहुत खुश हुई। वह पक्षी को धन्यवाद देकर अपने घर वापस आ गई। जब वह अपनी किताब पढ़ रही थी, तभी किताब फिर से चमकने लगी और रानी वापस अपनी दुनिया में आ गई।
रानी ने कभी इस जादुई दुनिया को नहीं भूली। उसने हमेशा पक्षी को याद किया जिसने उसकी जान बचाई थी।
कहानी का अंत
यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। मुश्किल समय में भी हमेशा एक रास्ता निकल ही आता है।
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