एक पिता के सिवा कोई भाई बहन नहीं होता!
माँ की कोख में ज्येष्ठ संतान बनके जो आता
माँ की कोख में ज्येष्ठ संतान बनके जो आता
एक जोड़ी नर नारी को माता पिता वही बनाता
मगर वो कितना तन्हा होता कि उसके सामने
एक पिता के सिवा कोई भाई बहन नहीं होता!
भाई का मतलब क्या होता; जो भय हर लेता
एक भाई का भाग्य दूसरे भाई से संयुक्त होता
भाई-भाई के बीच में भाव विचार का मेल होता
भाई का भाई के साथ रक्त का होता है रिश्ता!
मगर दो भाई जब एक दूसरे के सामने होता
तो मन में एक भावना उठती भाई आ ‘भैया’
भाई का जो साथ छोड़ देता वो अभागा होता!
ज्येष्ठ भाई अनुज की अगवानी हेतु पहले आता
अपने हिस्से का दूध छोटे भाई को पिलाने देता
चाहे उस नन्ही सी जान में दम हो या नहीं हो
वो छोटे भाई बहन को गोद में लटकाए रखता!
ज्येष्ठ पुत्र प्रतिभावान हो तो पिता की पूँछ बढ़ती
पिता की प्रतिष्ठा दूनी बढ़ती मूँछ नहीं गिर पाती
बेटा जब जल्द पिता के कंधे से कंधा मिला चलता
भाई गोतिया उस पिता की पगड़ी ना उछाल पाता!
चाहे पिता को बेटियाँ क्यों नहीं हो जाए दो चार
चाहे पिता धन दौलत रिश्तेदार से हो जाए लाचार
ज्येष्ठ पुत्र अल्प वय में पिता का सहारा हो जाता
वर वधू तलाश में पिता अनुज पर निर्भर न होता!
अगर दुर्भाग्य से किसी पिता की मृत्यु हो जाती
परिवार की जिम्मेवारी ज्येष्ठ पुत्र पर आ जाती
अपनी पढ़ाई छोड़कर छोटे भाई बहन को पढ़ाता
और अक्सर छोटे भाई से धोखा भी वही खाता!
ज्येष्ठ पुत्र नींव में दबी उस ईंट के समान होता
जिसकी उपलब्धि व उपस्थिति दिखाई नहीं देती
जिसपर आलीशान भवन रंग रोगन लगाए होता
यूँ ही ज्येष्ठ भाई पिता का प्रतिरूप नहीं कहलाता!
- विनय कुमार विनायक
दुमका,झारखण्ड-814101
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें