दुर्गा पूजा पर भाषण
विषय: माँ दुर्गा की दिव्य शक्ति का जश्न
आदरणीय शिक्षकगण, प्यारे साथियों और सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों,
आज हम सब यहां माँ दुर्गा के पावन पर्व दुर्गा पूजा मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह पर्व न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
माँ दुर्गा, शक्ति की देवी हैं, जो हमें बुराई से लड़ने और सदाचारी जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं। उनके दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र हैं जो बुराई का नाश करने का प्रतीक हैं। माँ दुर्गा हमें यह सिखाती हैं कि हमें हमेशा सत्य और न्याय के लिए लड़ना चाहिए।दुर्गा पूजा के दौरान हम माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं की पूजा करते हैं। इन प्रतिमाओं को सजाने में हमारी कला और संस्कृति झलकती है। पंडालों में हम विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जैसे कि ढाक की थाप, मांडलीन, और लोक नृत्य। ये कार्यक्रम हमारे समाज को एकजुट करते हैं और हमारी संस्कृति को जीवंत रखते हैं।
दुर्गा पूजा के दौरान हम सिर्फ पूजा ही नहीं करते, बल्कि हम अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर भी समय बिताते हैं। हम एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और गिफ्ट देते हैं। यह पर्व हमें एक-दूसरे के करीब लाता है और हमारे बीच प्रेम और भाईचारा बढ़ाता है।
दुर्गा पूजा हमें यह भी सिखाती है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। हमें गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।
आइए हम सभी मिलकर प्रण करें कि हम माँ दुर्गा के आशीर्वाद से एक अच्छा समाज बनाएंगे। एक ऐसा समाज जहां सभी लोग समान हों और जहां शांति और सद्भाव का राज हो।
जय माँ दुर्गा!
इस भाषण में आप निम्नलिखित बातें जोड़ सकते हैं:
- दुर्गा पूजा के विभिन्न दिनों का महत्व
- दुर्गा पूजा की पौराणिक कथाएं
- दुर्गा पूजा और पर्यावरण
- दुर्गा पूजा और महिला सशक्तिकरण
- दुर्गा पूजा और राष्ट्रीय एकता
यह भाषण आप अपनी उम्र और श्रोताओं के अनुसार संशोधित कर सकते हैं।
शुभकामनाएं!
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