बादल राजकुमार और बारिश की बूंदें

बादल राजकुमार और बारिश की बूंदें

क बार एक बादल था, जिसका नाम राजकुमार था। वो आसमान में घूमता रहता था और धरती को नीचे से देखता रहता था। राजकुमार को धरती पर खेलते हुए बच्चे बहुत अच्छे लगते थे। वो सोचता था, "काश मैं भी धरती पर जाकर उनके साथ खेल सकूँ!"

बादल राजकुमार और बारिश की बूंदें
एक दिन, राजकुमार ने देखा कि धरती बहुत सूखी है। नदियाँ सूख रही थीं, पेड़ पौधे मुरझा रहे थे। राजकुमार को बहुत दुख हुआ। उसने सोचा, "मुझे कुछ करना होगा।"

तभी उसे एक चमकदार विचार आया। उसने अपने दोस्तों, छोटी-छोटी पानी की बूंदों को बुलाया। उसने उनसे कहा, "दोस्तों, धरती को पानी की बहुत ज़रूरत है। चलो हम सब मिलकर बारिश करें और धरती को हरा-भरा बना दें।"

सारी बूंदें राजकुमार की बात मान गईं। उन्होंने मिलकर एक बड़ी सी फौज बना ली। फिर वे आसमान से धरती की ओर बढ़ने लगे। धरती पर जैसे ही पहली बूंद गिरी, सभी बच्चे खुश हो उठे। वे बाहर दौड़ पड़े और बारिश में भीगने लगे।

बारिश की बूंदें धरती पर गिरती रहीं और धरती हरी-भरी हो गई। नदियाँ भर गईं और पेड़ पौधे फिर से हरे-भरे हो गए। राजकुमार बहुत खुश था। उसने सोचा, "मुझे बहुत अच्छा लगा कि मैंने धरती को खुश किया।"

कहानी का संदेश:

  • सहयोग का महत्व: राजकुमार ने अपनी दोस्तों की मदद से बारिश की और धरती को बचाया। इससे हमें यह सीख मिलती है कि मिलकर काम करने से बड़े-बड़े काम आसानी से हो जाते हैं।
  • दूसरों की मदद करना: राजकुमार को धरती पर देखकर दुख हुआ और उसने उसकी मदद की। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए।
  • प्रकृति की देखभाल: राजकुमार ने प्रकृति की देखभाल की और धरती को हरा-भरा बनाया। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें प्रकृति की देखभाल करनी चाहिए।

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