सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

रचनाकार के अधिवेशन में होगा देश भर के कई साहित्यकारों का संगम

रचनाकार के अधिवेशन में होगा देश भर के कई साहित्यकारों का संगम


कोलकाता। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था रचनाकार,जो शुक्तिका इंडिया फाउंडेशन का एक प्रकल्प है, उसके प्रचार मंत्री रावेल पुष्प ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि संस्था अपना चतुर्थ वार्षिक अधिवेशन  भारतीय भाषा परिषद के सभागार में 21 जुलाई 2024 को करने जा रही है । आयोजन का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल, पश्चिम बंगाल द्वारा होने जा रहा है। सात लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों को सम्मानित किया जायेगा।

रचनाकार के अधिवेशन में होगा देश भर के कई साहित्यकारों का संगम
समारोह में पूरे भारतवर्ष से तकरीबन 30 साहित्यकार सम्मिलित हो रहे हैं जिनमे प्रमुख नाम हैं: नई दिल्ली से श्री लक्ष्मीनारायण भाला, श्री सुरेश नीरव ,श्री विजय स्वर्णकार, श्रीमती माधुरी स्वर्णकार, गुरुग्राम से श्री राजेश प्रभाकर, बंगलुरु से डॉ इंदु झुनझुनवाला, श्री ज्ञानचन्द मर्मज्ञ, पटना से श्री रत्नेश्वर सिंह, श्रीमती रूबी भूषण, रामधारी सिंह दिनकर के पौत्र श्री अरविंद सिंह, भोपाल से श्री गीतेश्वर बाबू घायल, नीमच से श्रीमती वन्दना योगी, श्री प्रमोद रामावत, कटनी से श्री सुभाष सिंह, मेरठ से डॉ जितेंद्र कुमार, वडोदरा से श्रीमती राखी कटियार। 

कार्यक्रम में कोलकता की दो राष्ट्रीय संस्थाओं शब्दाक्षर एवं हिदी साहित्य परिषद को भी सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में राज्यपाल जी की पुस्तक अष्ट भारत के साथ- साथ डॉ इंदु झुनझुनवाला की पुस्तक व जर्मनी से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका प्रज्ञान विश्वम का जुलाई अंक जो सुरेश चौधरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है, उसका भी लोकार्पण होगा।

प्रेषक: रावेल पुष्प वरिष्ठ पत्रकार कोलकाता 94341 98898.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हिंदी प्रिय है

हिंदी प्रिय है हिं दी प्रिय है क्योंकि यह एक समृद्ध, विविध और भावपूर्ण भाषा है जो भारत की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती है। हिंदी भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, और यह भारत के कई हिस्सों में एक आधिकारिक भाषा है। हिंदी में एक लंबा और समृद्ध साहित्यिक इतिहास है, जिसमें कविता, उपन्यास, नाटक और कहानियां शामिल हैं। हिंदी संगीत और नृत्य भी बहुत लोकप्रिय हैं। हिंदी प्रिय होने के कुछ कारण यहां दिए गए हैं: यह भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। भारत की जनसंख्या का लगभग 44% हिंदी बोलता है। यह भारत के कई हिस्सों में एक आधिकारिक भाषा है, और इसे स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया जाता है। यह एक समृद्ध और विविध भाषा है। हिंदी में कई बोलियाँ और उपभाषाएँ हैं, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। यह एक भावपूर्ण और संवेदनशील भाषा है। हिंदी में कई तरह के शब्द और वाक्यांश हैं जो भावनाओं और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। यह एक सुंदर और संगीतमय भाषा है। हिंदी में कई तरह के छंद और ताल हैं जो कविता और संगीत को आकर्षक ...

सफलता उन लोगों को मिलती है जो लगातार कोशिश करते रहते हैं

सफलता उन लोगों को मिलती है जो लगातार कोशिश करते रहते हैं क हा जाता है कि, "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।" यह वाक्य हमने बचपन से ही सुनते आए हैं। लेकिन क्या हमने कभी गहराई से सोचा है कि इस वाक्य का वास्तविक अर्थ क्या है? सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करना क्यों इतना महत्वपूर्ण है? सफलता एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में हम सभी सोचते हैं। हम सभी चाहते हैं कि हम जीवन में सफल हों। लेकिन सफलता प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता है। इसके लिए हमें कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास करने की आवश्यकता होती है। सफलता का रास्ता हमेशा आसान नहीं होता सफलता का रास्ता हमेशा आसान नहीं होता। हमें कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन हमें इन असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि हमें इनसे सीख लेनी चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए। असफलताएं हमें यह बताती हैं कि हम कहाँ गलती कर रहे हैं और हमें सुधार के लिए क्या करना चाहिए। अगर हम अपनी गलतियों से सीखते हैं तो हम निश्चित रूप से सफल होंगे। लगातार प्रयास करने का महत्व लगातार प्रयास करने का मतलब है कि हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के...